milap singh bharmouri

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Wednesday 22 April 2015

रित बदली

रित बदली, सब किश बदलू
पुंगरी पै ने हेर रुखा रे डाल

चुकी ले छिकनू भाई मलापा
लौहला कनारी धना जो लार

ऐत्त जांदरा मा तची पेई धुपा
लैंदे अबे जोता री ठंडी बयार

नैल पहाड घुमी हेरी सब मैई
सबी ताऊ बदिया अपनी ठार

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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