milap singh bharmouri

milap singh bharmouri

Monday 23 February 2015

सेओ क्रुंई

पुंगरी पैणे सेओ क्रुंई
चुबनी न ऐवे हीता री सुई
कटी लैउ कठन हौंद मता जिना
रैयी गै बस ऐवे ध्याडे दुई
फिरी इने धना वाले, ठैर जरा करी
खत्म समझी लै भाल ऐवे भुई

----- मिलाप सिंह भरमौरी

No comments:

Post a Comment