मणिमहेश ट्रस्ट
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श्रद्धा के लिए कोई भय नहीं है
श्रद्धा के लिए दिन तय नहीं है
रिवाजों के लिए दिन बने हैं
भक्ति के लिए दिन तय नहीं है
देखो आज भी जा रहे हैं मतवाले
भोले के दर्शन के दिवाने
मणिमहेश की ओर चले हैं
होकर सारे खतरों से अनजाने
यात्रा का कोई संचालक नहीं हैं
विपत्ति में कोई तारक नहीं हैं
बिस्तर में सिमट के बैठ गए हैं
सारा चढावा चट करने वाले
अब पुरानी व्यवस्था बदलनी होगी
एक जिम्मेदार ट्रस्ट की स्थापना करनी होगी
जो करवा सके लगातार यात्रा का संचालन
सब लोगों को हामी भरनी होगी
मणिमहेश झील बनवाई पांडवों ने
आज्ञातबास के दौरान
भरमौर के मंदिर बनवाए राजा ने
देश हो गया कब का आजाद
फिर भी मंदिरों का संचालन
क्यों है पहले जैसा आज
दान चढावा सब ट्रस्ट को दो
और पुजारी चेलों को सिर्फ भत्ता दो
तभी हो सकेगा नव व्यवस्था का निर्माण
और जो खडे चढावे की लाईन में
उनकी ओर करो न तनिक ध्यान
तभी भक्तों को सुविधाएं मिल पाएगी
और छ: महीने के लिए
तभी यात्रा खुल पाएगी
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
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