bharmour valley |
चली इंये वो जनानिये हौरेडी जो
रखडी भछूरे भुई अज धैडी दो
महीने री स्कीम ता ना लाई लैयी
काला महीना ता भुन्दा नोई भयाई जो
रोज भेग्गा काँ -काँ करदा ऐ का
नडे लाई कोई उड़ा ऐस वैरी जो
बल्लू ता थु ही मुंजो तेंयी इने जो
अज कुन वैरी फिरि तुजो नैरी गो
चली इंये वो जनानिये हौरेडी जो
रखडी भछूरे भुई अज धैडी दो
……… मिलाप सिंह भरमौरी
नडे - पत्थर , ही - पिछले कल , नैरी गो - मना करना
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